“सबसे बड़ी त्रासदी बुरे व्यक्तियों का website अत्याचार और दमन नहीं बल्कि इस पर अच्छे लोगों का मौन रहना है।”
मानवाधिकारों के प्रति लोगों की चेतना को जागृत करना तथा लोगों को इन अधिकारों के संरक्षण हेतु प्रोत्साहित करना ।
टेस्ट सीरीज़ यू.पी.एस.सी प्रिलिम्स टेस्ट सीरीज़
जहाँ हर इंसान मानव अधिकार का हकदार है वहीँ इन अधिकारों का अब भी अक्सर उल्लंघन किया जाता है। इन अधिकारों का उल्लंघन तब होता है जब राज्य द्वारा की गई कार्रवाईयों में इन अधिकारों की उपेक्षा, अस्वीकार या दुरुपयोग होता है।
मुख्य परीक्षा (वर्षवार) मुख्य परीक्षा (विषयानुसार) वीडियो सेक्शन मेन्स (जी.एस.) डिस्कशन
टेस्ट सीरीज़ यू.पी.एस.सी प्रिलिम्स टेस्ट सीरीज़
मानव अधिकार मूल रूप से वे अधिकार हैं जो प्रत्येक व्यक्ति को इंसान होने के कारण मिलते हैं। ये नगरपालिका से लेकर अंतरराष्ट्रीय कानून तक कानूनी अधिकार के रूप में संरक्षित हैं। मानवाधिकार सार्वभौमिक हैं इसलिए ये हर जगह और हर समय लागू होते हैं। मानवाधिकार मानदंडों का एक समूह है जो मानव व्यवहार के कुछ मानकों को चित्रित करता है। नगर निगम के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय कानून में कानूनी अधिकारों के रूप में संरक्षित, इन अधिकारों को अनौपचारिक मौलिक अधिकारों के रूप में जाना जाता है जिसका एक व्यक्ति सिर्फ इसलिए हकदार है क्योंकि वह एक इंसान है।
प्रैक्टिस टेस्ट डेली एडिटोरियल टेस्ट
ऑल इंडिया टेस्ट सीरीज़ ऑल इंडिया टेस्ट सीरीज़ (यू.पी.एस.सी.)
यदि वह दिमागी या शारीरिक तौर पर अपने दायित्वों के निवर्हन के अयोग्य हो गया हो;
विभिन्न कारावासों की स्थिति का आकलन करना व इस बारे में सिफारिशें करना ।
मानव अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करने हेतु दक्षिण भारत में एनएचआरसी का जनसम्पर्क
प्रैक्टिस टेस्ट डेली एडिटोरियल टेस्ट
पृथ्वी पर रहने वाले हर इंसान को जीवित रहने का अधिकार है। प्रत्येक व्यक्ति को किसी के द्वारा नहीं मारे जाने का अधिकार है और यह अधिकार कानून द्वारा संरक्षित है। हालांकि इसमें मौत की सजा, आत्मरक्षा, गर्भपात, इच्छामृत्यु और युद्ध जैसे मुद्दे शामिल नहीं हैं।